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"चेहरा" पर रचनाएँ
ग़ज़ल
शेर
कविता
चाँद से चेहरे को तारों से सजा रखा है
प्रवीन 'पथिक'
पेश-ए-नज़र मेरे था दीशब एक वो रू-ए-रौशन
अमित राज श्रीवास्तव 'अर्श'
जा चुके चेहरे
अनिरुद्ध उमट
माँ का जवान चेहरा
ज्योति चावला
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