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"चाँद" पर रचनाएँ
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चाँद से चेहरे को तारों से सजा रखा है
प्रवीन 'पथिक'
बे-सबब मुस्कुरा रहा है चाँद
गुलज़ार
पूनम की चाँद
संजय राजभर 'समित'
चाँद मिरा हैं
कर्मवीर 'बुडाना'
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विजय कृष्ण
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नरेश मेहता
बादलों में प्रिय चाँद छिपा है
डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
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पंकज चतुर्वेदी
नशीला चाँद
हरिनारायण व्यास
डूबता चाँद कब डूबेगा
गजानन माधव मुक्तिबोध
चाँद का मुँह टेढ़ा है
गजानन माधव मुक्तिबोध
चाँद दूधिया
अविनाश ब्यौहार
चंदा जनि उग आजुक राति
विद्यापति
सलोने चाँद आ
सुषमा दीक्षित शुक्ला
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