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ये रोटियाँ हैं ये सिक्के हैं और दाएरे हैं (शेर) Editior's Choice

ये रोटियाँ हैं ये सिक्के हैं और दाएरे हैं,
ये एक दूजे को दिन भर पकड़ते रहते हैं।


रचनाकार : गुलज़ार
            

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