वो तो गया ये दीदा-ए-ख़ूँ-बार देखिए,
दामन पे रंग-ए-पैरहन-ए-यार देखिए।
दिखला के वो तो ले भी गया शोख़ी-ए-ख़िराम,
अब तक हैं रक़्स में दर ओ दीवार देखिए।
उक्ता के हम ने तोड़ी थी ज़ंजीर-ए-नाम-ओ-नंग,
अब तक फ़ज़ा में है वही झंकार देखिए।
सीने में छुप गया है तुलू-ए-सहर के साथ,
अब शाख़-ए-दिल पे वो गुल-ए-रुख़्सार देखिए।
बर्क़-ए-तपीदा बाद-ए-सबा शोला और हम,
हैं कैसे कैसे उस के गिरफ़्तार देखिए।
पहले भी तेज़-रौ थे पर उस दिल-नशीं के साथ,
ये चश्म-ए-नम ये मस्ती-ए-रफ़्तार देखिए।
'मजरूह' के लबों से ये ख़ुश्बू न जा सकी,
बख़्शी जो उस ने दौलत-ए-बेदार देखिए।
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