तुम्हारे साथ जो बरता हुआ है,
वो लम्हा जस का तस रक्खा हुआ है।
अभी ये रंग जो पहना है तुम ने,
यही मौसम ने भी पहना हुआ है।
तुम्हारा नाम क्यों पूछेगा कोई,
यहाँ हर फूल पे लिक्खा हुआ है।
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