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तथाकथित पत्रकार (कविता) Editior's Choice

पत्रकार दादा बने, देखो उनके ठाठ।
काग़ज़ का कोटा झपट, करें एक के आठ॥
करे एक के आठ, चल रही आपाधापी।
दस हज़ार बतलाए, छपें ढाई सौ कापी॥
विज्ञापन दे दो तो, जय-जयकार कराए।
मना करो तो उल्टी-सीधी न्यूज़ छपाए॥


            

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