स्वामी विवेकानंद के विचार (कविता)

युवा सन्यासी तत्वदर्शी
स्वामी विवेकानंद के
विचारों का आप भी
अनुसरण तो कीजिए,
स्वामी जी के विचारों पर
चिंतन मनन कीजिए।
अपना ही नहीं परिवार, समाज
राष्ट्र और संसार का भला कीजिए।
स्वामी का ये विचार भी तो जान लीजिए
"उठो जागो और तब तक न रुको,
जब तक लक्ष्य न हासिल हो जाये।"
"ख़ुद को कमज़ोर समझने का
पाप कभी मत कीजिए।"
"तुम्हें ख़ुद पढ़ना होगा,
तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता।
क्योंकि आत्मा से बड़ा
कोई शिक्षक भला कहाँ होता?"
"कहने के रास्ते अनेक होते हों
पर सत्य सदा एक ही रहेगा।"
"हमारा बाहरी स्वभाव बड़ा रुप है
हमारे आंतरिक स्वभाव का।"
"आँखें बंदकर अंधकार का
कभी भी रोना मत रोइए,
क्योंकि हमारे भीतर
शक्तियाँ ब्रह्मांड की
पहले से ही समाई हैं।"
"व्यायामशाला है विश्व
ख़ुद को मज़बूत बनाने
आते हैं हम सब यहाँ।"
"दिल दिमाग़ के टक्कर में
दिल का अपने कहना मानो।"
"मृत्यु है द्वेष, संकुचन, निर्बलता,
जीवन है प्रेम, विस्तार और शक्ति।"
"किसी काम में समस्या न हो तो
घमंड में चूर मत हो जाओ,
कुछ तो राह ग़लत है,
यह सुनिश्चित है जान जाओ।"
स्वामी जी के विचारों का
आप सबको जीवन में उतारना है
सही राह पर चलकर
जीवन सफल बनाना है,
स्वामी जी के आदर्शों को
हम सबको अपनाना है,
हर इंसाँ के भीतर ईश्वर
यह बात हमें जानना है,
जो चीज़ बंद रहेगी जितनी
उतनी धूमिल पड़ जाना है।


लेखन तिथि : 11 जनवरी, 2022
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