करौली, राजस्थान | 1954
जीवित रहे मेरी रज़ाई जिसने मुझे पाला जीवित रहे सुबह जो मेरी ख़ुशी है और रहें फिर संसार में वे जिन्हें रहना है।
रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें