समय की क़ीमत जानो (कविता)

इसको मत बर्बाद करो,
सदा समय पर काम करो।
समय पर सोना,
समय पर जागना,
समय पर खाना,
समय पर खेलना,
आज का काम न टालना॥

समय पर बर्षा, सावन होता,
समय पर किसान बीज बोता।
समय का पहिया चलता जाए,
कभी धूप तो कभी छाँव लाए।
समय के मर्म को जिसने जाना,
समझो जीवन गति को पहचाना॥

जो समय पर काम करता,
उन्नत जीवन का नाम करता।
समय नहीं रुकता,
हर पल आगे बढ़ता।
समय के साथ जो न चले,
पछतावे और हाथ मले।
समय से क़दम मिलाएगा,
वही समय से पाएगा।
समय की क़ीमत जानो,
बात समय की मानो॥


रचनाकार : समय सिंह जौल
लेखन तिथि : 15 फ़रवरी, 2022
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