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सफ़र में यूँ तो बलाएँ भी काम करती हैं (ग़ज़ल) Editior's Choice

सफ़र में यूँ तो बलाएँ भी काम करती हैं,
मगर किसी की दुआएँ भी काम करती हैं।

मुशायरों में फ़क़त शाइरी नहीं चलती,
मुशायरों में अदाएँ भी काम करती हैं।

चराग़ हूँ न कोई फूल हूँ यहाँ फिर भी,
मिरे ख़िलाफ़ हवाएँ भी काम करती हैं।

किसी के रोने से मैं भी बिखरने लगता हूँ,
कि आँसुओं की सदाएँ भी काम करती हैं।

हमारा रोग बढ़ाने में 'अजनबी' साहब,
कभी कभी तो दवाएँ भी काम करती हैं।


            

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