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रंग इस मौसम में भरना चाहिए (ग़ज़ल) Editior's Choice

रंग इस मौसम में भरना चाहिए,
सोचती हूँ प्यार करना चाहिए।

ज़िंदगी को ज़िंदगी के वास्ते,
रोज़ जीना रोज़ मरना चाहिए।

दोस्ती से तजरबा ये हो गया,
दुश्मनों से प्यार करना चाहिए।

प्यार का इक़रार दिल में हो मगर,
कोई पूछे तो मुकरना चाहिए।


रचनाकार : अंजुम रहबर
            

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