राम के नाम सा नाम नहीं जग संत कहें श्रुति चारि बखानी,
राम कथानक राम स्वयं बिन राम नहीं कहीं राम कहानी।
राम बिना नहिं राम कहीं बस रामहि राम रमे रजधानी,
राम के काम की, काम ही राम के, राम के नाम की, राम निशानी।
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