देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

प्रेम में संघर्ष (कविता)

1
संघर्ष प्रेम में है . . . 
प्रेम की घड़ी में सेकंड . . . मिनट . . . घण्टे का नहीं―
दिनों का काँटा होता है। 
अभागों के लिए तो महीनों . . . बरसों का . . .!! 

2.
एक ख़्वाब देखता हूँ—
हम साथ है। 
मिलते हैं—
सड़क किनारे के सेमल के पेड़ के पास
जहाँ गिरते हैं सेमल के लाल फूल। 
सब कुछ ठीक है, 
प्रेम में अब संघर्ष नहीं है।


लेखन तिथि : 17 फ़रवरी, 2022
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें