वृक्ष! पूछूँ
किसलिए निःशब्द तुम
इतने सटे-से
निर्वसन,
निश्चेष्ट,
गुरु भू-वक्ष से—
जैसे कि बर्फ़?
बर्फ़! पूछूँ
किसलिए निःशब्द तुम
इतनी सटी-सी
निर्वसन,
निश्चेष्ट,
दृढ़ गिरि-वक्ष से—
जैसे कि चाँद?
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