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पेड़ों की उदासी (कविता) Editior's Choice

पेड़ों के पास ऐसी कोई भाषा नहीं थी
जिसके ज़रिए वे अपनी बात
इंसानों तक पहुँचा सकें

शायद पेड़ बुरा मान गए किसी बात का
वे बीज कम उगाने लगे
और बीजों में उगने की इच्छा ख़त्म हो गई
बचे हुए पेड़ों की उदासी देखी जा सकती है


रचनाकार : शुभा
            

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