रायगढ़, छत्तीसगढ़ | 1965
जूतों के नीचे भी आ सकती है दुर्लंघ्य पर्वत की मदांध चोटी परंतु इसके लिए ज़रूरी है- पहाड़ों के भूगोल से कहीं ज़्यादा हौसलों का इतिहास पढ़ना।
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