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नूतन हिन्दू वर्ष नमन हो (गीत) Editior's Choice

है चैत्र शुक्ल है प्रतिपदा शुभ,
सनातन नववर्ष शुभ मुदित हो।
पूजन कर नवरात्र चैत्र में,
कीर्ति सुखद मुस्कान हर्ष हो।

वन्दन नित अभिनन्दन स्वागत,
नूतन हिन्दू वर्ष नमन हो।
परिधावी संवत्सरी अमूल्य,
विक्रम संवत नव संवत्सर हो।

माँ के चरणों में तीर्थ धाम,
शेरा वाली माँ नित जय हो।
चैत्र मास नवशक्ति स्वरूपा,
पूजन वंदन सत्य विजय हो।

आस्था अरु विश्वास उत्सव यह,
नवनीत चैत्रमास सुखमय हो।
करें आराधन महाशक्ति मन,
नवदुर्गा अवतार पूजित हों।

नीति प्रीति परमार्थ अमन जग,
सुख संपद सम्मान सुकीर्ति हो।
हो रोग शोक विरत नया वर्ष,
रिद्धि सिद्धि दातृ शक्ति विजय हो।

सबसे सबकी बन्धु भाव हृदय,
नित अभिमान हिन्दू संस्कृति हो।
हे शैलपुत्री माँ करुणाकर,
कभी किसी से अपमान देश हो।

जय ब्रह्मचारिणि शिवा भवानी,
सत्कामी त्याग शील सृजित हो।
आज कुपथ तव सन्तति दुनिया,
जयचंद मान देश वंचित हो।

मचा रखा आतंक द्रोही बन,
जटिल महिषासुर देश बहुल हो।
चन्द्रघण्टे माँ करो अरिदलन,
पापमुक्त जग जन कल्याण हो।

कुष्माण्डा जगदम्बिके कृपा कर,
माँ भारत रोग शोक रहित हो।
चहुँओर तमस फैला है धरा,
सद्मति विवेकी ज्ञान ज्योति दो।

स्कन्धमातु निशाचर तारक वध,
सुखदायिका जग कल्याणक हो।
चहुँओर प्रसरित फिर असुर पुनः,
शत्रुनाश कर माँ तारक हो।

धुम्रलोचन घातक असुर बहुत,
पुनः एक बार हूंकार करो।
हरो कात्यायिनि माँ धुम्र असुर,
घातक शत्रु से उद्धार करो।

बनो कालरात्रि विकराल काल,
चामुण्डे चण्ड मुण्ड नाश करो।
रक्तबीज धरा रक्तिम भारत,
पी शोणित माँ! जग हर्षित हो।

निशाचर महासुर निशुम्भ शुम्भ,
दुर्गतिनाशिनि महागौरी हो।
दे रिद्धि सिद्धि बल बुद्धिप्रदा,
कृपासिंधु नवदुर्गे जय हो।


लेखन तिथि : 3 अप्रैल, 2022
            

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