देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

नया दिन (नज़्म) Editior's Choice

सूरज!
इक नट-खट बालक-सा
दिन भर शोर मचाए
इधर उधर चिड़ियों को बिखेरे
किरनों को छितराए
क़लम दरांती ब्रश हथौड़ा
जगह जगह फैलाए

शाम! थकी हारी माँ जैसी
इक दिया मलकाए
धीमे-धीमे
सारी बिखरी चीज़ें चुनती जाए


रचनाकार : निदा फ़ाज़ली
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें