भोजपुर, बिहार | 1965
पहाड़ों के पीछे से आई बाघ की हुंकारऽऽऽ मैं काँप गया डर मत कहा रामदाना बेचने वाले बूढ़े ने पहाड़ी के पीछे बाघ-बाघिन कर रहे हैं प्यार।
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