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लकड़ी की काठी काठी पे घोड़ा (नज़्म) Editior's Choice

लकड़ी की काठी काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पे जो मारा हथौड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा

घोड़ा पहुँचा चौक में चौक में था नाई
घोड़े जी की नाई ने हजामत जो बनाई
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा

घोड़ा था घमंडी पहुँचा सब्ज़ी मंडी
सब्ज़ी मंडी बर्फ़ पड़ी थी बर्फ़ में लग गई ठंडी
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा

घोड़ा अपना तगड़ा है देखो कितनी चर्बी है
चलता है मेहरौली में पर घोड़ा अपना अरबी है
हाथ छुड़ा के दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा

लकड़ी की काठी काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पे जो मारा हथौड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा


रचनाकार : गुलज़ार
            

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