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ख़ुशी सिर्फ़ उनको मिले (कविता) Editior's Choice

प्रकृति तेरे गर्भ में हिरण्य है
तेरे पास सभी के लिए है सभी कुछ
सभापतियों को सभापतित्व दे
वक्ताओं को वाणी
आलोचकों को सबसे अंत में बोलने का अवसर दे
और वह जो सदा अध्यक्ष बना रहता है
उसे चारपाई दे
सूरमाओं को खाँसी दे
समीक्षकों को छींक
जो मोक्ष की तलाश में हैं उन्हें मोक्ष दे
जो ज्ञान की तलाश में हैं उन्हें ज्ञान
जिन्हें धन की चाह है उन्हें धन दे
चाहे जो मजबूरी हो
जो विजय की तलाश में निकले हैं
उन्हें विजय तो मिलनी ही चाहिए
कामी को काम मिले
भोगी को भोग
जिन्होंने जीवन भर जुगाड़ किए
उन्हें फ़ैसले के दिन भी जुगाड़ मिले
लेकिन ध्रुवों पर सिर्फ़ वे पहुँचें
जिन्होंने साधना की
श्रेष्ठों को पुरस्कार मिले
श्रेष्ठियों को प्रचार
लेकिन ख़ुशी सिर्फ़ उनको मिले
जो श्रम करते हैं।


            

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