देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

कौन बचता है (कविता) Editior's Choice

जहाँ
इस वक़्त
कवि है
कविता है
वहाँ
जंगल है और अँधेरा है और हैं
धोखेबाज़ दिशाएँ।

दुश्मन सेनाओं से बचने की कोशिश में
भटकते-भटकते
वे यहाँ आ फँसे हैं।
जहाँ से
इस वक़्त
न आगे बढ़ा जा सकता है और
न पीछे ही लौटा जा सकता है।

और
इस वक़्त
इस जंगल में
कवि की भूख की निगाह कविता पर है
और कविता की भूख की
कवि पर।

कई-कई दिन हुए
एक दाना तक नहीं गया है उनके मुँह में
—और अब यह तय है
कि जंगल से वही
निकल पाएगा—जो
दूसरे को काटकर
अपनी ख़ुराक हासिल करे
और ताक़त पाए
और
भविष्य ही बताएगा
कि जंगल से निकलने
और दुश्मन से लड़ने के लिए
कौन बचता है

—कवि या कविता?


            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें