हँसाए जवानी रुलाए जवानी।
अजी रंग कितने दिखाए जवानी।।
मिले मुश्किलें ज़िंदगी में हमेशा,
कि हर मोड़ पर आज़माए जवानी।
नहीं इश्क़ में नींद आशिक़ को आए,
उसे रात भर फिर जगाए जवानी।
कमाते जो दौलत हैं परदेश जाकर,
वो घरद्वार उनका छुड़ाए जवानी।
खड़े देश सीमा पे सैनिक हमारे,
सदा देश को वो बचाए जवानी।
बुढ़ापे में मानव यही सोंचता है,
ख़ुदा लौटकर फिर से आए जवानी।
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