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गाँव का दर्द (कविता) Editior's Choice

बचपन गाँव में
जवानी शहर में
एक बैल की तरह
फिर बुढ़ापे ने कहा चल गाँव में,

गाँव से पूछा–
"तू पहले ही जैसा है
कुछ भी नहीं बदला"

गाँव ने कहा–
"जिसके बच्चे
जवानी में गाँव भूल जाते हैं
ऐसे नालायक़ बच्चों से
विकास कैसे होगा?"


लेखन तिथि : 1 सितम्बर, 2023
            

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