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एक सितारा टूट गिरा था (नज़्म) Editior's Choice

ख़्वाबों की सरहद पे
नीला नीला एक समुंदर
तेरी आँखों जैसा
लहरों के नेज़ों पे बहती
जगमग जगमग चाँद सी रौशन
अपने प्यार की कश्ती
सात समुंदर से भी दूर
तूफ़ानों से खेलती
जल परियों से बातें करती
वापस लौट आई तो
साहिल की चमकीली रेत में
एक सितारा टूट गिरा था


रचनाकार : जयंत परमार
            

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