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दुख का विरह (कविता) Editior's Choice

कहाँ है वह दुख
चट्टानों से टक्कर मारता
भरी-पूरी नदी जैसा

और यह क्या है
बूँद-बूँद टपकता
मरे हुए साँप के
विष जैसा।


रचनाकार : शुभा
            

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