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दे सको तो ज़िंदगानी दो मुझे (ग़ज़ल) Editior's Choice

दे सको तो ज़िंदगानी दो मुझे,
लफ़्ज़ तो मैं हूँ मआ'नी दो मुझे।

खो न जाए मुझ में इक बच्चा है जो,
यूँ करो कोई कहानी दो मुझे।

हम-ज़बाँ मेरा यहाँ कोई नहीं,
लाओ अपनी बे-ज़बानी दो मुझे।

है हवा दरकार मेरी आग को,
कब कहा उस ने कि पानी दो मुझे।

एक मंज़िल ने तो 'दानिश' ये कहा,
रास्तों की कुछ निशानी दो मुझे।


            

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