देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

चाँद दूधिया (नवगीत)

बेचैन है
चाँद दूधिया!

निशानी दिया
रूमाल की!
यादें अधरों की
गाल की!

देहरी पर
ख़्वाब मूंगिया!

छूट गयी
ऊँटी की शाम!
पसीने से
तर बतर घाम!

लग रहे हैं
दिवस ठूंठिया!


लेखन तिथि : 31 मार्च, 2019
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें