ऊपर की पंक्ति से
नीचे वाली पंक्तियों की असहमति ने
कविता को ज़िद्दी बना दिया
कविता का अर्थ कटघरे में खड़ा
और उसका निरपराध शिल्प घोषित दोषी-सा
हतप्रभ रह गया
मात्राएँ शब्दों से उलझी हुई
अर्थ को दोषमुक्त करने के प्रयास में जुटी-सी
एक कुशल न्यायाधीश की तरह
तुम पढ़ पाओ भावार्थ
तो शायद...
कविता के बिंब पूर्णता प्राप्त करें।
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