देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन

बीज की यात्रा (कविता) Editior's Choice

विराट पृथ्वी को अपनी उँगली पर नचाता
काल
कर रहा है नृत्य
महाशून्य में

सृजन का शिशु
अभी-अभी जन्मा

बीज ने की
यात्रा प्रारंभ

खिलखिलाहट
फैलती
अनंत ब्रह्मांड में।


रचनाकार : उद्‌भ्रान्त
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें