सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश | 1917 - 2007
मित्रों से बात करना अच्छा है और यदि मुँह से बात ही न निकले तो उतनी देर साथ रहना अच्छा है जितनी देर मित्रों को यह चुप्पी न खले।
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