देवरिया, उत्तर प्रदेश | 1945 - 1989
ये आँखें हैं तुम्हारी तकलीफ़ का उमड़ता हुआ समुंदर इस दुनिया को जितनी जल्दी हो बदल देना चाहिए।
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