देशभक्ति / सुविचार / प्रेम / प्रेरक / माँ / स्त्री / जीवन
जला अस्थियाँ बारी-बारी
चिटकाई जिनमें चिंगारी,
जो चढ़ गए पुण्यवेदी पर
लिए बिना गर्दन का मोल।
कलम, आज उनकी जय बोल।
            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें