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मुक्तक
शिक्षक ही पंख लगाते हैं - सुषमा दीक्षित शुक्ला
सृजन तिथि : 5 जून, 2020
तम-तोम मिटाते हैं जग का, शिक्षक धरती के दिनकर हैं। हैं अंक सजे निर्माण प्रलय, शिष्यों हित प्रभु सम हितकर हैं। शुच
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