जयप्रकाश 'जय बाबू'
जयप्रकाश
जय बाबू
6 मई, 1983
वाराणसी | उत्तर प्रदेश | भारत
वाराणसी | उत्तर प्रदेश | भारत
बारे में
जयप्रकाश का जन्म वाराणसी शहर के उत्तर में स्थित कुरौली गाँव के एक ग़रीब परिवार में हुआ था। पिता श्री नन्दलाल प्रसाद मेहनत मज़दूरी करके किसी तरह अपने बच्चों का लालन-पालन करते और सारी कमाई बच्चों की शिक्षा पर ख़र्च कर देते। माँ श्रीमती रमपत्ती देवी विशुद्ध ग्रामीण एवं सक्षम गृहिणी महिला है। जयप्रकाश आठ भाई बहनों में भाईयों में सबसे बड़े और बहन मीरा देवी से छोटे है। उनकी पत्नी का नाम श्रीमती गीता देवी है।
जयप्रकाश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के ही प्राथमिक विद्यालय में पूरी की। सरदार बल्लभ भाई पटेल इंटर कॉलेज बनियापुर, वाराणसी से विज्ञान वर्ग से दसवीं की पढ़ाई प्रथम श्रेणी से पास करने के बाद आर्थिक परिस्थितियों ने काम करने पर विवश कर दिया। पाँच सालों के अंतराल के बाद अमर शहीद इंटर कॉलेज आयर वाराणसी से जयप्रकाश ने बारहवीं की पढ़ाई पूरी की। तदुपरांत पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर से स्नातक की शिक्षा पूरी की। इसके अलावा महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से बी एड तथा दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से हिंदी साहित्य एवम सामाजिक कार्य से परस्नातक की डिग्री प्राप्त की है।
ग़रीबी का प्रभाव उदरपूर्ति से कभी उपर उठने नहीं दिया। मैट्रिक की पढ़ाई के दौरान ही बचपन बचाओ आंदोलन के संपर्क में आने पर जयप्रकाश को एक नई दिशा मिली। 1996 में इस आंदोलन से जुड़कर हाशिए पर जीवन जी रहे बच्चों को एक नई दिशा देने के अभियान में जुट गए। 1997 में बाल श्रम के ख़िलाफ़ ग्लोबल मार्च में भाग लिया तब से जीवन को बाल श्रम मुक्ति के अभियान में पूरी तरह से लगा दिया। विभिन्न राष्ट्रीय संस्थाओं से जुड़कर लगभग 10 हज़ार ऐसे ड्रॉप आउट बच्चों को स्कूल में नामांकित कराया, जिनमे से अधिकतर अपनी परिवार की पीढ़ी में पहले स्कूल में नामांकित हुए बच्चें थे। ऐसे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने काम आज भी अनवरत जारी है।