विस्थापन केवल एक भौतिक परिवर्तन नहीं, बल्कि एक गहरी मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति अपने स्थान, जड़ों, और पहचान से जुड़ी कई परतों को पीछे छोड़ता है। यह पृष्ठ विस्थापन पर आधारित कहानियों, कविताओं और लेखों का संग्रह है, जो घर छोड़ने, नई जगह अपनाने और उससे जुड़ी चुनौतियों व संघर्षों को उजागर करता है। इन रचनाओं में न केवल अपने छूटे हुए अतीत का दर्द है, बल्कि नए सिरे से जीवन को संवारने की जिजीविषा भी झलकती है। विस्थापन की यह यात्रा न केवल व्यक्ति को तोड़ती है, बल्कि उसे नई पहचान और नए सपनों का आधार भी देती है। इस संग्रह के माध्यम से विस्थापन के दर्द और उसकी गहराई को महसूस करें।