वो दिन जाने कब आएगा (ग़ज़ल)

वो दिन जाने कब आएगा,
दुख में आकर समझाएगा।

सुख का यक़ीं न कर पगले मन,
सुख चंचल है बहकाएगा।

सुख ने कितने दुश्मन पाले,
तू भी सत्य समझ जाएगा।

सुख की रक्षा बहुत कठिन है,
हरलेगा जिसको भाएगा।

दुनिया में विरला ही कोई,
सुखी देखकर सुख पाएगा।

दुख है सच्चा मीत हृदय का,
झट हमदर्द ढूँढ़ लाएगा।

यदि सच्चा हम दर्द मिला तो,
दिल ख़ुश होकर अपनाएगा।

दुख का तिरस्कार मत करना,
दुख ही दुनिया दिखलाएगा।

इसको विदा न करना 'अंचल',
दुख ही जीना सिखलाएगा।


लेखन तिथि : 2022
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अरकान : फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन
तक़ती : 22 22 22 22
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