विश्व प्रसिद्ध अजमेर दरगाह का उर्स (कविता)

सारे विश्व में प्रसिद्ध है अजमेर दरगाह का उर्स,
देश और विदेशों में सबको होता जिसका हर्ष।
स्मार्ट सिटी अजमेर में लगता आलीशान मैला,
चाँद रात और रजब माह में आता यह हर वर्ष।।

यहाँ सूफ़ी सन्त की दरगाह और बनी है मज़ार,
दर्शन को आते यहाँ पर संसार के लोग हज़ार।
पुण्यतिथि के उपलक्ष में मनाया जाता त्योंहार,
चादर चढ़ाकर मन्नत पाता ख़्वाजा की मज़ार।‌।

छ: दिनों तक उर्स रस्मों के संग परवान चढ़ता,
सूफियाना कलामों द्वारा क़व्वालियां भी होता।
अजमेर उर्स-महोत्सव‌ होता एकता का प्रतीक,
इसी दौर बीच शाही गुस्ल की रस्में अदा होता।।

भारत है धार्मिक और निष्पक्ष त्योहारों का देश,
पर्वो एवं उत्सवों के छिपें है ख़ुशियों के संदेश।
उर्स हिंदू मुस्लिम‌ एकता विश्व शांति का प्रतीक,
सभी समुदाय के लोग यहाँ आते नवाते शीश।।

बहुत बड़ी बड़ी तेग बनी है और जन्नत का गेट,
अनेंक धर्मो के अनुयायी आकर चढ़ाते है भेंट।
पारस्परिक भाई-चारे की ये है महत्त्वपूर्ण जीत,
मुख्य मक़बरे को कहते शाहजहाँ निज़ाम गेट।।


रचनाकार : गणपत लाल उदय
लेखन तिथि : 2 फ़रवरी, 2022
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