उत्सव-नक्षत्र (कविता)

कहाँ है?
अन्यत्र कहाँ है??
इस पृथिवी से बड़ा उत्सव-नक्षत्र और कहाँ है???

गायत्री वर्ण वाली उज्ज्वल दिशाओं के, वेद
औषधियों के आगार-अरण्यों के, उपनिषद
ऊर्ध्व-रेतस वाले पर्वतों के, शतपथ ब्राह्मण
सर्वगम्या, सर्वसुलभा नदियों की, संहिताएँ।
एकाग्रमनस ब्रह्मचारियों जैसे प्रतापों के, स्तोत्र
सामयिक चारणों जैसी मेघों की, स्तुतियाँ
श्वेत-केश वाले संन्यासी-समय के, पुराण
हस्तामलकवत निद्राजयी समुदों के, भाष्य
और हरीद्र दूर्वाकुंरों जैसी आकुल, मानवीय प्रार्थनाएँ
तथा
जिसे अनंत काल से
सूर्य के जलों
चंद्रमा के अमृत
और ग्रहों-नक्षत्रों के हिरण्य-पात्र अभिषेकित कर रहे हैं,
जिसे घटनाओं और कथानकों के वस्त्र धारण कराते हुए
काल का कृष्ण द्वैपायन
स्वयं एक चरित्र बन जाता है—
उस पृथिवी-पार्थिव से बड़ा उत्सव नक्षत्र और कहाँ है??
अन्यत्र कहाँ है?
आदित्य की इस धर्मपत्नी पृथिवी से बड़ा
उत्सव-नक्षत्र और कहाँ है??
कहाँ है?? कहाँ है???


रचनाकार : नरेश मेहता
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