उतना ही है जीवन (कविता)

प्यार के पास अपनी आँख होती है
अपनी भाषा होती है प्यार के पास
होती है अपनी राह
देखता, बोलता, चलता हुआ प्यार
जहाँ होता है
ज़िंदा रहता है ज़िंदगी का एहसास।

सुंदर को देखता
बोलता हुआ सत्य को
शिव की ओर ले जाता प्यार
जहाँ, जितना है, उतना ही है जीवन।


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