सर्द मौसम में पसीना निकला
यार मुश्किल से महीना निकला
जान जोखिम में हमेशा रहती
जीने का कैसा क़रीना निकला
हाथ फैलाता रहा जो अब तक
उस के घर से ही दफ़ीना निकला

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