ज़िंदगी मेरी है यारो,
तो उम्मीद भी मेरी है,
इसलिए आगे बढ़ने की
ज़िद भी मेरी है।
कोई साथ हो ना हो,
कोई साथ दे ना दे,
हार अगर मेरी है,
तो जीत भी मेरी है यारो।
कभी अपने सपनों को
हक़ीक़त की दुनिया दिखाओ,
सपने देखो और उनको,
पूरा करके दिखाओ,
ख़ुद को इस दुनिया में
भरपूर आज़माओ,
अपने सपनों और
तमन्नाओं के पंख फैलाओ।
चाहे लाख मुसीबतें
रास्ता रोकें तुम्हारा,
पर उम्मीदों के सहारे
आगे बढ़ते जाओ।
साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।
सहयोग कीजिएरचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें