संत शिरोमणि रविदास महाराज (कविता)

सन्त शिरोमणि कहलाएँ महाराज रविदास,
कोने-कोने में जानें जाते रविदा नाम रैदास।
रोहिदास रेमदास रुइदास रौदास रायादास,
कई पांडुलिपियों में मिलेगा लेख-इतिहास।।

माघ मास की पूर्णिमा एवं दिन था रविवार,
जन्में थे १३७६ ईस्वी में वाराणसी के गाँव।
माता श्रीमती कर्मा देवी पिता‌ संतोख दास,
पत्नी श्रीमती लोनाजी एवं पुत्र विजयदास।।

जन्म हुआ ऐसे समय जब मुगलों का राज,
चारों तरफ़ा थी ग़रीबी अशिक्षा अत्याचार।
चर्मकार कुल मे जन्में गोबर्धनपुर वह गाँव,
कवि से महान सन्त बनें ऐसे इनके विचार।।

कई बनें हुए है आपके भव्य मंदिर एवं मठ,
जहां जाते दर्शनों को अनेंक लोग हर-वर्ष।
बहुत बनें यादगार में आपके स्मारक पार्क,
जातिगत भेदभाव मिटाया किया है संघर्ष।।

दानवीर व महान सन्त थे आप बड़े दयालु,
करतें है गुणगान आपका विश्व में श्रृद्धालु।
अपनें लिखें दोहे-पदों से दिया गुरुवर ज्ञान,
वास्तविकता उनमें दर्शाकर बनें हो महान।।


रचनाकार : गणपत लाल उदय
लेखन तिथि : 6 फ़रवरी, 2022
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