संघर्ष (कविता)

जलते रहे ज़लज़ले में भी, खरे उतरे संघर्षों की शमशीर पर,
तूफ़ान से भी न घबराए, टिके रहे तटस्थ यथार्थ की ज़मीन पर।
सूरज के उत्ताप में भी न पिघले, भूख प्यास से मन न घबराया,
ऐसा ही जीवन था महाराणा प्रताप का, जिन्होंने संघर्षों को सीने से अपनाया।

जीवन भर कष्ट सहे राम ने, त्याग और संकल्प भाव की मूर्ति थे राम,
सीता को हर लिया रावण ने वन से, फिर भी विचलित हुए न राम।
किया कड़ा संघर्ष प्रभु राम ने तब, मिलकर सभी बानरों के संग,
एक ही रात में बनवा दी रामसेतु, पार कर लड़ी रावण से भीषण जंग।

संघर्षों की बातें करें तो प्रभु श्रीकृष्ण को कैसे भूल जाएँ, संघर्षमय था जिनका पूरा जीवन,
उनकी तो पहचान ही थी संघर्ष, जिसपर किया उन्होंने जीवन का आचमन।
जब तक जीवन में न हो संघर्ष, तब तक जीवन को मिलता नहीं सही अर्थ,
अगर जीत लेते चुटकीयों में महाभारत, तो कैसे मिलता श्रीमदभागवतगीता जैसा कर्मग्रन्थ?

23 वर्ष की आयु में ही किया अपार संघर्ष, भिड़ गई अंग्रेजों से, था साहस अपार,
जीते जी अंग्रेजों को न करने दिया झाँसी पर क़ब्ज़ा, किया मुक़ाबला ले हाथों में तलवार।
सन सत्तावन में जो किया संघर्ष, इतिहास के पन्नों पर अंकित हो गई लक्ष्मीबाई की गाथा,
लक्ष्मीबाई के इस संघर्ष ने बदल दी मर्दानी की परिभाषा, रच दी साहस की अप्रतिम कथा।

विश्व के लिए बन गया प्रेरणा, नेताजी का किया संघर्ष का उद्घोष,
बिना सनक कोई महान नहीं बनता, कहते थे हमारे सुभाष बोस।
“सफलता का दिन दूर हो सकता है, पर उसका आना है अनिवार्य”,
सतत संघर्ष करते रहो जीवन में और निरंतर करते रहो अपना कार्य।

1671 की शराइघाट की लड़ाई में, कौन नहीं जानता वीर लाचित बरफुकन का संघर्ष,
बड़ी कुशलता से भगाया रामसिंह को, जिसने रचा था लाचित को भरमाने का प्रपंच।
20 सितम्बर, 1942 के दिन असम के गोहपुर थाने में तिरंगा फहराया,
18 वर्षीय कनकलता बरुआ की अगुवाई में, रामपति राजखोवा ने तिरंगा फहरा दिया।

भरा पड़ा है भारतवर्ष का इतिहास, संघर्षों की अभूतपूर्व गाथाओं से,
तोड़ कर ग़ुलामी की ज़ंजीरे दिलाई आज़ादी, भरा है इतिहास ऐसे संघर्षों की कथाओं से।
नवरत्न से विभूषित भारत के संघर्ष के जज़्बे को, पूरी दुनियाँ करती है नमन,
भारतवर्ष के सभी वीर वीरांगनाओं के संघर्षों का, आज मैं करता हूँ सादर वंदन।


लेखन तिथि : 11 फ़रवरी, 2022
यह पृष्ठ 330 बार देखा गया है
×

अगली रचना

श्रद्धांजलि के दो शब्द लताजी की याद में


पिछली रचना

फ़ौजी की आत्मकथा
कुछ संबंधित रचनाएँ


इनकी रचनाएँ पढ़िए

साहित्य और संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता होती है। आपके द्वारा दिया गया छोटा-सा सहयोग भी बड़े बदलाव ला सकता है।

            

रचनाएँ खोजें

रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें