दुनिया में लगा है
राम चरित निराला।
भ्रात प्रेम के अलावा
पितृ भक्ति है।
जानकी-सीता
आलौकिक शक्ति है।।
द्वापर में श्याम की
अनूठी गौशाला।
रामनवमी करती
राम से लगाव।
दूर करें मन में
उपजे दुराभाव।।
राम नाम ले के हैं
तोड़ते निवाला।
भक्ति ने है
अनोखा संसार गढ़ा।
सृष्टि में नहीं हनुमत सा
भक्त बड़ा।।
शबरी की आत्मा है
राम का दुशाला।

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