राजा बोला—
‘रात है’
मंत्री बोला—‘रात है’
एक-एक कर फिर सभासदों की बारी आई
उबासी किसी ने, किसी ने ली अँगड़ाई
इसने, उसने—देखा-देखी फिर सबने बोला—
‘रात है...’
यह सुबह-सुबह की बात है...
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