ओ तिरंगा! तेरी शान रहे,
तेरी ख़ातिर, मेरी जान रहे।
मेरे देश का अभिमान रहे,
ओ तिरंगा! तेरी शान रहे।
तेरी छाया के तले, पूरा देश चलता है,
तुझसे ही तो आज़ादी, का दिया जलता है।
लहराए आसमाँ में, जब भी तिरंगा, तो,
देश के सभी लोगों में, देश प्रेम भरता है।
ओ तिरंगा! तू कभी ना झुके,
तुझसे ही तो, भारत की आन रहे।
तेरी ख़ातिर मेरी जान रहे,
ओ तिरंगा! तेरी शान रहे।
इसकी रक्षा में कितने ही, क़ुर्बान हो गए,
सीने से लगा इसे, गहरी नींद सो गए।
'जान भी है न्योछावर, इस तिरंगे के लिए',
सब के मन में ऐसा देश-प्रेम बीज बो गए।
ओ तिरंगा! मेरी भी जाँ
तेरे क़दमों में क़ुर्बान रहे।
ओ तिरंगा! तेरी शान रहे,
तेरी ख़ातिर मेरी जान।
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