नफ़रतों से लड़ो प्यार करते रहो (ग़ज़ल)

नफ़रतों से लड़ो प्यार करते रहो,
अपने होने का इज़हार करते रहो।

इतने अच्छे बनोगे तो मर जाओगे,
थोड़े दुश्मन भी तय्यार करते रहो।

ज़िंदगी से मोहब्बत करो टूट कर,
मौत का काम दुश्वार करते रहो।


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