साहित्य रचना : साहित्य का समृद्ध कोष
संकलित रचनाएँ : 3561
इन्दौर, मध्य प्रदेश
1946 - 2009
मकान मना करते हैं पेड़ नहीं नदी नहीं आसमान नहीं मकान मना करते हैं क्योंकि मकान में अंदर है पेड़ में, नदी में, आसमान में कोई बस नहीं पाया अभी तक इसलिए वे मना नहीं करते मकान मना करते हैं क्योंकि अभी अपने-आपमें मकान की ईजाद मकान को करना है पर मकान ही मिस्त्री हुआ तो वह फिर क्या मकान होगा और उसके मना करने से हमें क्या नुक़सान होगा!
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