मान लो यार हमें नशा होगा (ग़ज़ल)

मानलो यार हमें नशा होगा,
बे-ख़ुदी में ख़ुदा कहा होगा।

कल को नस्लें नई ये सोचेंगी,
आदमी किस तरह रहा होगा।

राज़ खोलें अगर इजाज़त हो,
रहने दो हादसा नया होगा।

ताज उसको लगा खिलौने सा,
देखना तुम यहीं धरा होगा।

फ़रिश्ते हर तरफ़ अमन के हैं,
ख़ून कैसे यहाँ बहा होगा।

मरते मरते भी ये कहा हमने,
क़ातिलों आपका भला होगा।


रचनाकार : मनजीत भोला
लेखन तिथि : मई, 2021
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अरकान: फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन
तक़ती: 2122 1212 22
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